फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने मिराज 2000(Dassault Mirage 2000) लड़ाकू विमान बनाया है। सिंगल इंजन होने की वजह से लड़ाकू विमानों का वज़न कम होता है जिससे उनके मूवमेंट में आसानी होती है लेकिन कई बार इंजन फेल होने से विमान के क्रैश होने की आशंका रहती है। ऐसी स्थिति में यदि लड़ाकू विमान में एक से अधिक इंजन हो तो एक इंजन फेल होने पर दूसरा इंजन काम करता रहता है। इससे पायलट और विमान दोनों सुरक्षित रहते हैं इसीलिए डसॉल्ट मिराज 2000 (Dassault Mirage 2000) मल्टीरोल, डबल-इंजन चौथी पीढ़ी का जेट फाइटर है। मिराज-2000 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। ये वही कंपनी है जिसने रफ़ाल लड़ाकू विमान बनाया है। डसॉल्ट मिराज 2000 लड़ाकू विमान का कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका रही थी।
मिराज 2000 विशेष विवरण (Full Specifications “Dassault Mirage 2000” In Hindi)
उत्पत्ति का देश | फ्रांस |
उत्पादक कंपनी | डसॉल्ट एविएशन, एसएनईसीएमए, थॉमसन-सीएसएफ |
पहली उड़ान | 10 मार्च 1978 [मिराज 2000C] |
समान विमान | मिराज III / 5, Kfir, Viggen |
कर्मी दल | >>एक >>मिराज 2000 एन और 2000 डी – दो [1 पायलट + 1 नेविगेशन और हथियार अधिकारी] |
रोल | इंटरसेप्टर [मिराज 2000C] सभी मौसम रात और दिन के मिशन जैसे बैटलफील्ड एयर इंटरडक्शन (बीएआई) [मिराज 2000 डी] |
प्रमुख परिचालन क्षमता | [मिराज 2000 डी] बहुत तेज़ गति और बहुत कम ऊँचाई पर स्वचालित इलाक़ा सभी मौसम रात और दिन बमबारी की क्षमता उच्च परिशुद्धता सभी मौसम दिन / रात थॉमसन-सीएसएफ पीडीएल-सीटी के साथ बमबारी |
लंबाई | 50 फीट, 3 इंच (14.36 मीटर) |
विस्तार(Span) | 29 फीट, 5 इंच (9.13 मीटर) |
ऊँचाई | 5.30 मीटर |
खाली वजन | 7,600 किलोग्राम [मिराज 2000C] |
अधिकतम वजन | 16,500 किलोग्राम |
अधिकतम आयुध वजन | 5,900 किलोग्राम [मिराज 2000C] 6,200 किग्रा (9 स्टोर स्टेशन) [मिराज 2000 डी] |
पावर प्लांट / थ्रस्ट: | SNECMA M 53 P2 जेट इंजन / 9.7 t आफ्टरबर्नर के साथ |
अधिकतम गति | Mach 1,2 [कम ऊंचाई] Mach 2,2 [उच्च ऊंचाई] |
चढ़ने की दर | 17,000 मी / मिनट |
Ceiling | 50,000 फीट / 16,500 मीटर से ऊपर |
समाधि त्रिज्या | 800 एनएम (1,475 किमी) w / 4 250 किलो का बम | 1,000 एनएम (1,850 किमी) w / 2 1,700-लीटर ड्रॉप टैंक| 1,800 एनएम (3,335 किमी) अधिकतम ईंधन w / 2 1,700-लीटर + 1 1,300-लीटर ड्रॉप टैंक | |
In-Flight Refueling | Yes |
ईंधन क्षमता: | [मिराज 2000C] 3,950 एल आंतरिक / 8,000 एल अधिकतम / इन-फ्लाइट ईंधन भरने[मिराज २००० डी] 3,1 टी आंतरिक / 6,2 टी मैक्सिमल / इन-फ्लाइट ईंधन भरने |
सेंसर | आरडीआई रडार (इंटरसेप्टर), आरडब्ल्यूआर, उन्नत बम |
ड्रॉप टैंक | 188 एनएम के लिए ड्रॉप टैंक 1700 एल ड्रॉप टैंक 1358 किलोग्राम ईंधन 144 एनएम सीमा के लिए 1300 एल ड्रॉप टैंक 1038 किलो ईंधन |
अस्त्र – शस्त्र | तोप: 2 जीआईएटी डेफा 554 डी 30 मिमी हवा-हवा: मिसाइल MICA, मैजिक 2, सुपर 530F, सुपर 530D स्काई फ्लैश। एयर-ग्राउंड बम: बीजीएल 1000, बीएम 400, बीएपी 100 एयर-ग्राउंड मिसाइल: डुरंडल, बेलौगा, आर्मैट, अपाचे, स्केल्प, एएस 30 एल, एएम 39, एएसएमपी |
प्रकार का लोड | 2 AM.39 एक्सोसेट, 1 1300 एल ड्रॉप टैंक (855 एनएम) 1 1300 L ड्रॉप टैंक, 2 ARMAT, 2 R.550 मैजिक (885 एनएम) १ १३०० एल ड्रॉप टैंक, २ आर ५०० मैजिक, २ आर530डी (5mm एनएम) 4 बेलुगा, 2 1700 L ड्रॉप टैंक, 2 R.550 मैजिक (1094 एनएम) 18 EU2 250 किग्रा बम (756 एनएम) |
विशेष उपकरण: | [मिराज 2000C]थॉमसन-सीएसएफ आरडीआई रडार (पल्स डॉपलर), डाउन-शूट डाउन क्षमता, एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-माप, फ्लाई-बाय-वायर, स्वचालित पायलट, जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली [मिराज 2000D] फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम, 2 जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम, थॉमसन-सीएसएफ एंटीलोप 5 राडार के बाद का इलाका, इकार डिजिटल मैप, इंटीग्रेटेड जीपीएस, इंटीग्रेटेड काउंटरमेशर्स, थर्मल कैमरा के साथ लेजर पदनाम पॉड (पीडीएल-सीटी) |
नाटो इंटरऑपरेबिलिटी | नाटो के मानकों के अनुसार, रेडियोएओमिनेशन, पहचान मित्र या दुश्मन, इन-फ्लाइट ईंधन भरने से बचाव। |
उत्पादित इकाइयों की संख्या | 601 (मिराज 2000 के सभी प्रकार शामिल हैं) |
“मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” के बारे में रोचक तथ्य तथा इसकी खासियत
- इसकी पहली उड़ान 10 मार्च 1978 को भारी गयी थी।
- इसे फ़्रांस वायुसेना में शामिल किया गया: जुलाई 1984।
- निर्माता: डसॉल्ट एविएशन (यही कंपनी राफेल भी बनाती है)।
- डसॉल्ट एविएशन कंपनी अब तक लगभग 601 “डसॉल्ट मिराज 2000” बना चुकी है।
- एक विमान की लागत: लगभग 30 मिलियन डॉलर अर्थात 2,21,73,00,000 इंडियन रुपए (आधिकारिक नहीं) है।
- मिराज के निम्न वेरिएंट बनाये जा चुके हैं;
- मिराज 2000 C
- मिराज 2000 B
- मिराज 2000 N
- मिराज 2000 D
- मिराज 2000-5F
- मिराज 2000 E
- भारत ने पहली बार इसे 80 के दशक में ख़रीदने का ऑर्डर दिया था।
- भारत के पास वर्तमान में 49 “मिराज 2000” हैं।
- दो इंजन होने की वजह से “मिराज-2000” के क्रैश होने की संभावना बेहद कम है।
- करगिल युद्ध में “मिग-21” के साथ “मिराज-2000” विमानों ने भी अहम भूमिका निभाई थी।
- “मिराज 2000” एक सीटर वाला फाइटर जेट है।
- भारत में “मिराज-2000(Dassault Mirage 2000)” का पहली बार इस्तेमाल 1999 के कारगिल युद्ध में किया गया था। कारगिल युद्ध के समय जब “मिग-21” और “मिग-27” नाकाम हो रहे थे, तब भारत ने पाकिस्तान की सप्लाय लाइन ध्वस्त करने के लिए “मिराज-2000” का इस्तेमाल किया।
- “मिराज- 2000(Dassault Mirage 2000)” लड़ाकू विमान को भारतीय वायु सेना ने वज्र नाम दिया है।
- साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड “मिराज-2000” लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे। इन अपग्रेडेड विमानों में नए रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हैं, जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इज़ाफ़ा हो गया है।
- “मिराज-2000(Dassault Mirage 2000)” विमान एक साथ कई काम कर सकता है। जहां एक ओर यह अधिक से अधिक बम या मिसाइल गिराने में सक्षम है। वहीं यह हवा में दुश्मन का मुक़ाबला भी आसानी से करने के योग्य है।
- ये विमान आसमान से आसमान में मार करने वाली और आसमान से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइलें, लेज़र गाइडेड मिसाइलें, परमाणु शक्ति से लैस क्रूज़ मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।
- फ्रांस के इस सामरिक, मल्टीरोल फाइटर / बॉम्बर को कम ऊंचाई के साथ तेज गति से दुश्मन के भीतरी ठिकानों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- जब यह पूरी तरह से लोड हो जाता है तो यह 30 मिमी रॉकेट, कई अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें और लेजर-गाइडेड बम ले जाता है। “मिराज 2000” को सबसे कुशल और प्रभावी तरीके से अधिकतम नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इस लड़ाकू जेट पर इतना अधिक विश्वास क्यों करता है।
- किसी भी विमान को उडान भरने के लिए ज्यादा रनवे की जरुरत पड़ती है लेकिन “मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” की यह विशेषता है कि यह बहुत कम अर्थात लगभग 400 मीटर या इससे कम के रनवे से भी उडान भर सकता है।
- आवाज के माध्यम से कमांड:
- इस विमान की यह भी एक बहुत बड़ी खासियत है कि यह 2,336 किमी प्रति घंटा की उड़ान भरने के दौरान भी पायलट की आवाज से नियंत्रित किया जा सकता है। अर्थात प्लेन की कार्यक्षमता का एक बड़ा हिस्सा वॉइस कमांड के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है जिसे आर्ट वॉयस रिकग्निशन सॉफ़्टवेयर के माध्यम से चलाया जाता है।
- स्कैनिंग रेंज की क्षमता:
- “मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” के बारे में चिंताओं में से एक तथ्य यह है कि इसमें केवल 145 किमी. की स्कैनिंग रेंज है, जो अन्य लड़ाकू जेट की तुलना में कम है। हालांकि, इसकी एक खूबी भी है कि इसका रडार एक साथ दो से अधिक लक्ष्यों को टारगेट करने की क्षमता रखता और दुश्मनों के लिए इसके रडार को जाम करना असंभव है।
- “मिराज 2000” फाइटर जेट पलभर में दुश्मन के किसी भी इलाके में घुसकर वहां तबाही मचा सकता है। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए इसीलिए इस फाइटर जेट का इस्तेमाल किया गया। करीब 12 मिराज एक साथ उड़ान भरकर कुछ ही मिनटों में अपना काम कर वापस लौट आए।
- दुनियाभर के सबसे ताकतवर फाइटर जेट्स की लिस्ट में “मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” 10वें नंबर पर आता है।
- “मिराज 2000” को आपतकाल की स्थिति में किसी हाईवे पर भी उतारा जा सकता है, दिल्ली के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर इसे उतारा गया था।
- यह फाइटर जेट किसी भी तरह के मौसम में उड़ान भर सकता है और दुश्मन को धूल चटा सकता है।
- “मिराज 2000” करीब 1400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है।
- कारगिल में हुए एयरफोर्स के ऑपरेशन सफेद सागर में भी “मिराज 2000” का इस्तेमाल किया गया था।
- भारतीय वायुसेना ने एलओसी के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर 1000 किलो के बम गिराए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऑपरेशन में वायुसेना के 12 मिराज फाइटर प्लेन शामिल हुए थे। बता दें इस ऑपरेशन के लिए भारतीय वायुसेना ने “मिराज- 2000 (Dassault Mirage 2000) डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट (लड़ाकू विमान)” का इस्तेमाल किया है।
- इस लड़ाकू विमान की सबसे खास बात यह है कि यह किसी भी देश की सीमा के अंदर जाकर मार कर सकता है। यह बड़ी सटीकता के साथ सीमा के अंदर धुसकर अपने टारगेट को ध्वस्त करने का दमखम रखता है। ये वो मिसाइल है जो हवा से जमीन पर मार कर सकती हैं। इसके साथ ही यह अपने साथ एयर टू सर्फेस मिसाइल भी संभाल सकती है।
- “मिराज-2000” 125 राउंड गोलियां प्रति मिनट दागता है। यह 68 मिमी के 18 रॉकेट प्रति मिनट दागता है।
- इसे 1986 में औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। साल 2015 में अपग्रेडेड “मिराज-2000” को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया। अपग्रेडेड विमानों में नए राडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगा है। इससे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हो गया है।
- हाल ही में भारतीय वायुसेना ने डसॉल्ट एविएशन के साथ मिलकर कुछ “मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” को अपग्रेड किया था।
- पाकिस्तान ने अमेरिका से “एफ-16” लड़ाकू विमान खरीदे थे, जिसके जवाब में भारत ने फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन को अक्टूबर 1982 में 36 सिंगल-सीटर मिराज-2000 एचएस और 4 ट्विन-सीटर मिराज-2000 टीएचएस खरीदे।
- “मिराज-2000” किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि आपातकाल स्थिति में इसे राष्ट्रीय राजमार्गों पर उतारा जा सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये कम ऊंचाई पर भी काफी तेज गति से उड़ान भरने में सक्षम है।
- मिराज में आधुनिक वॉइस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से इसके कई फंक्शन को आवाज के जरिए ही कंट्रोल किया जा सकता है। “मिराज-2000” में हथियारों को ले जाने के लिए 9 हाईप्वॉइंट दिए गए हैं। इनमें से 5 विमान के नीचे और दो-दो दोनों पंखों की तरफ दिए गए हैं।
- फ्रांसीसी वायु सेना के अलावा भारत की वायुसेना, ब्राज़ील, कतर, पेरू, संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना, रिपब्लिक ऑफ चाइना एयर फोर्स (ताइवान) आदि देश इस विमान का इस्तेमाल करती हैं।
- तो ये थे “मिराज 2000(Dassault Mirage 2000)” के बारे में कुछ रोचक तथ्य; उम्मीद है कि इनको पढने के बाद आपका विश्वास भारत की वायुसेना पर और बढ़ा होगा।
भारतीय वायुसेना (indian air force) में उपयोग हो रहे लड़ाकू विमानों से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल जिसे आप को जरुर पढ़ना चाहिए