अगर आप भी NSG में कमांडो बनना चाहते हैं या सोच रहे हैं तो इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि NSG Commando क्या होते हैं? कैसे बने, इसके लिए योग्यता, सैलरी आदि के बारे में हम इस आर्टिकल में जानेंगे तो आईये जानते हैं NSG commando के बारे में
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NSG (National Security Guard) क्या है ?
- NSG Commando (National Security Guard) यानी राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड जो मुख्य रूप से आतंकवाद गतिविधियों को रोकने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।
- इसका गठन भारतीय संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अधिनियम के तहत कैबिनेट सचिवालय द्वारा 1986 में किया गया था।
- इस संगठन के निर्माण का विधेयक अगस्त 1986 में संसद में पेश किया गया था और इसे 22 सितंबर 1986 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) औपचारिक रूप से उसी तिथि से अस्तित्व में आया।
- यह पूरी तरह से गृह मंत्रालय के निरीक्षण में काम करती है और इसका नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा का महानिदेशक करते हैं। महानिदेशक हमेशा एक आईपीएस अधिकारी होता है जबकि इसमें भर्ती भारत की केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल और भारतीय सशस्त्र बलों के अव्वल जवानों में से की जाती है।
एनएसजी कमांडो क्या है? (What is NSG Commando in Hindi)
- एनएसजी कमांडो भारत के सबसे सर्वेश्रेठ कमांडो हैं और यह दुनिया की टॉप 5 special forces में से एक है।
- एनएसजी कमांडोज हमेशा काले कपड़े, काले नकाब और काले ही सामान का इस्तेमाल करते हैं और इनकी ड्रेस पर काली बिल्ली का प्रतीक चिन्न भी होता है। इसलिए NSG commando को ब्लैक कैट कमांडो भी कहा जाता है।
- NSG कमांडो देश की सुरक्षा में बहुत अहम भूमिका निभाता है।
- भारत में जितने भी महत्वपूर्ण व्यक्ति और VIP (Very important person) लोग या सेलेब्रिटी हैं उनकी सिक्यूरिटी के लिए जो बॉडीगार्ड होते हैं, दरअसल, वे NSG commando ही होते हैं। खासकर, यह कमांडो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैनात रहते हैं। एक एनएसजी कमांडो वही बन सकते है जो देश की सेवा में अपनी जान तक हाजिर कर सकते हैं।
- एनएसजी का ध्येय वाक्य है- ′सब के लिए एक, एक के लिए सब′। इन कमांडोज की ट्रेंनिग बहुत ही कठिन होती है जिसका सबसे बड़ा मकसद यह होता है कि योग्यतम लोगों का चयन हो सके। सीधी भर्ती एनएसजी में नहीं होती है। इसकी ट्रेनिंग के लिए भारतीय सेना और अर्ध-सैनिक बलों के सर्वश्रेष्ठ जवानों को चुना जाता है।
एनएसजी के विशिष्ट लक्ष्यों में शामिल हैं
- आतंकवादी धमकियों के निराकरण।
- हवा में और जमीन पर स्थितियों अपहरण हैंडलिंग।
- बम निपटान (खोज, पहचान और IEDs के निराकरण)।
- PBI (पोस्ट ब्लास्ट जांच)।
- उलझाने और विशेष परिस्थितियों में आतंकवादियों को निष्क्रिय।
- बंधक बचाव।
एनएसजी कमांडो कैसे बने? (How to become a NSG commando in hindi)
- एनएसजी कमांडो बनने के लिए कोई भी सीधे एंट्री नहीं होती है। अगर आप एनएसजी कमांडो बनने की चाहत रखते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले, Defense join करनी होगी। डिफेंस ज्वाइन करने के बाद आपके पास NSG commando बनने का ऑप्शन होता है।
- उसके बाद NSG Commando के लिए एप्लाई करनी होगी शॉर्ट लिस्टिंग के बाद आपको NSG Commando training पास करनी होगी। अगर आप ट्रेंनिंग पूरी कर लेते हैं तो ही आपको एनएसजी कमांडो बनने का मौका मिलता है।
- आपको बता दे, एनएसजी में 2 विभाग एसएजी और एसआरजी (Special Action Group और Special Ranger Group) होते हैं। यह ग्रुप भारतीय सेना की इकाई होती हैं। यदि आप एएसजी विभाग में शामिल होना चाहते हैं तो आपका इंडियन आर्मी में होना अनिवार्य है। अगर आप एसआरजी ग्रुप में एंट्री करना चाहते हैं तो आपका पैरामिलिट्री फोर्स में होना अनिवार्य हैं।
एनएसजी कमांडो के लिए योग्यता (Qualification for NSG Commando)
- एनएसजी गृह-मंत्रालय के तहत सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में से एक है। एनएसजी का गठन भारत की विभिन्न फोर्सेज से विशिष्ट जवानों को छांटकर किया जाता है। एनएसजी में 53 प्रतिशत कमांडो सेना से आते हैं जबकि 47 प्रतिशत कमांडो 4 पैरामिलिट्री फोर्सेज- सीआरपीएफ (CRPF), आईटीबीपी (ITBP), आरएएफ (RAF) और बीएसएफ (BSF) से चुने जाते हैं। इन कमांडोज की अधिकतम कार्य सेवा पांच साल तक होती है। पांच साल भी सिर्फ 15 से 20 प्रतिशत को ही रखा जाता है, बाकी कंमाडोज के तीन साल के पूरे होते ही उन्हें उनकी मूल फोर्सेज में वापस भेज दिया जाता है।
- कमांडो बनने के लिए सबसे पहले आपको आर्मी या फिर पैरामिलिट्री फोर्सेज में सोल्जर या ऑफिसर बनना होगा।
- यह भी जान लें कि, यह योग्यता सभी जाति/श्रेणी के उम्मीदवारों के पास होनी चाहिए। क्योंकि कमांडो बनने के लिए किसी भी जाति के कैंडिडेट के लिए कोई छुट नहीं है।
- एनएसजी यानी National security guard के रूप में उन्हीं सैनिकों को चुना जाता है जो शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है। एनएसजी कमांडो बनने के उम्मीदवार सैनिक की ट्रेंनिंग को कई भागों में बाटा गया है जो इन ट्रेंनिंग में पास हो जाता है उसे NSG commando के रूप में सेलेक्ट कर लिया जाता है।
एनएसजी कमांडो के लिए ट्रेनिंग (NSG Commando Training)
- एक एनएसजी कमांडो को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें आतंकवादी हमले की स्थिति में आतंकवादियों पर काबू पाना, आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए लोगों को मुक्त कराना, साथ ही, बम को खोजकर उसे inactive करना आदि की Training शामिल होती हैं।
- एक एनएसजी कमांडो बनने के लिए कई भागों की ट्रेंनिंग प्रक्रिया को पास करना होता है। समय के आनुसार जवानों को अलग-अलग target को complete करने की ट्रेंनिंग दी जाती है। इसके अलावा, एनएसजी कमांडो की मानसिक ट्रेंनिंग भी ली जाती है जो बेहद कठिन होती है, इस ट्रेंनिंग में जवानों को देश के प्रति सबकुछ समर्पित करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- ये देश के सबसे जांबाज सैनिक होते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि ट्रेनिंग सेंटर पहुंचने के बाद भी कोई सैनिक अंतिम रूप से कमांडो बन ही जाए। 90 दिन की कठिन ट्रेनिंग के पहले भी एक हफ्ते की ऐसी ट्रेनिंग होती है जिसमें 15-20 फीसदी सैनिक अंतिम दौड़ तक पहुंचने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इसके बाद जो सैनिक बचते हैं, अगर उन्होंने 90 दिन की ट्रेनिंग कुशलता से पूरी कर ली तो फिर वो देश के सबसे ताकतवर कमांडो बन जाते हैं।
- सबसे पहले फिजिकल और मेंटल टेस्ट होता है। 12 सप्ताह तक चलने वाली यह सबसे कठिन ट्रेनिंग होती है।
- शुरूआत में जवानों में 30-40 प्रतिशत फिटनेस योग्यता होती है, जो ट्रेनिंग खत्म होने तक 80-90 प्रतिशत तक हो जाती है।
- इनकी ट्रेनिंग में कठिन एक्सरसाइज करवाई जाती है ताकि ये शारीरिक रूप से सक्षम हो सकें।
- किसी भी मुश्किल हालात को देखते ही फौरन एक्शन लिया जा सके, इसके लिए जिग-जैग रन की ट्रेनिंग दी जाती है।
- जिस्म के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज करवाई जाती है, जिसमें हाथ सबसे खास होते हैं।
- 60 मीटर की स्प्रिंग दौड़ के लिए सिर्फ 11 से 13 सेकेंड का वक्त दिया जाता है और 100 मीटर की स्प्रिंग दौड़ के लिए केवल 15 सेकेंड का वक्त दिया जाता है।
- ट्रेनिंग को और अधिक कठिन बनाने के लिए हाथों में हथियार और पीठ पर वजन भी लाद दिया जाता है।
- एक बंदर की तरह रस्सी के सहारे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना भी कमांडोज की ट्रेनिंग का जरूरी हिस्सा है।
- इसके बाद बारी आती है इनक्लाइंड पुश-अप्स करने की।
- फिर कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए इन्हें 9 फुट के गढ्ढे को फांदना होता है।
- किसी मिशन पर जाते समय न जाने कैसी स्थिति सामने आ जाए, इससे निपटने के लिए हाई बैलेंस भी कराया जाता है।
- पैरलल रोप के जरिए कमांडोज के शरीर को और अधिक मजबूत बनाया जाता है।
- स्पाइडर वेबनेट (रस्सी का बना जाली) के जरिए ऊपर चढ़ना और फिर दूसरी ओर से नीचे उतरना हाथों की पकड़ मजबूत बनाने का काम करता है।
- रस्सी के सहारे चढ़कर 26 फुट ऊंची दीवार फांदना भी जरूरी होता है। ऊंची दीवार पर चढ़ने की यह प्रैक्टिस पहाड़ पर चढ़ने का एहसास कराती है।
- आसमान से सीधे किसी कमरे में घुसना हो, तो उसके लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है।
- इसके बाद बारी आती है एक्शन की, भले ही हाथों में हथियार न हो, लेकिन कमांडो दुश्मन को मार गिराने की ताकत रखते हैं।
- इसमें कई तरह की मार्शल आर्ट की कलाएं भी सिखाई जाती हैं।
- दुश्मन के हाथों से चाकू छीनकर कैसे उससे उसी का गला काटना है, ये खतरनाक तरीका भी इन कमांडोज को सिखाया जाता है।
- किसी विमान के हाइजैक हो जाने की स्थिति से कैसे निपटना है इसके लिए भी एक खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। एक बनावटी विमान की मदद से ऐसी स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- एनएसजी कमांडोज को एक गोली से एक जान लेने की ट्रेनिंग दी जाती है। यानी यह कहा जा सकता है कि आपातकालीन स्थिति में ये कमांडो सिर्फ एक गोली चलाकर किसी आतंकवादी को ढेर कर सकते हैं।
- इन कमांडोज को आंख बंद करके निशाना लगाने, अंधेरे में निशाना लगाने और बहुत ही कम रोशनी में निशाना लगाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है।
- बैटल असाल्ट ऑब्सटेकल-कोर्स और सीटीसीसी काउंटर टेररिस्ट कंडिशनिंग कोर्स का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
- एनएसजी कमांडो को आग के बीच से गुजरते हुए मुकाबला करने और गोलियों की बौछार के बीच से गुजरकर अपना मिशन पूरा करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- इतना ही नहीं, हथियार के साथ और हथियार के बिना, दोनों तरह से मुकाबले की ट्रेनिंग दी जाती है।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ड्राइविंग एनएसजी की सुरक्षा व्यवस्था का अभिन्न अंग है। इनमें से कुशल ड्राइवर चुनने के लिए अलग से प्रक्रिया अपनायी जाती है।
- और तो और, इनको खतरनाक रास्तों, बारूदी सुरंग वाले रास्तों, हमलवारों से घिर जाने की स्थिति में ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाती है।
- देश का इकलौता नेशनल बॉम्ब डेटा सेंटर भी एनएसजी के पास है।
- इस सेंटर में आतंकवादियों द्वारा किए गए बम धमाकों और अलग-अलग आतंकी गुटों के हमला करने के तरीकों पर रिसर्च की जाती है।
- एनएसजी को आतंकवादी हमले की स्थिति में आतंकवादियों पर काबू पाना, बंधक बनाए गये लोगों को छुड़ाना, बम की पहचान कर निष्क्रिय करना आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
- ये कमांडोज सबसे आखिर में मनोवैज्ञानिक टेस्ट से गुजरते हैं। जिसे पास करना अनिवार्य होता है।
- हर किसी को ब्लैक कैट कमांडो बनने का मौका नहीं मिलता है। इसके लिए आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स या पुलिस में होना जरूरी है। फिजिकल ट्रेनिंग के लिए उम्र 35 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- ट्रेंनिंग के बाद जवानों का test लिया जाता है जो सफल हो जाते हैं उन्हें चयन की मुहर दी जाती है।
एनएसजी कमांडो की सैलरी (NSG Commando Salary)
एनएसजी यानी ब्लैक कैट कमांडो की सैलरी उनके अनुभव पर निर्भर करती है। हालांकि, एक एनएसजी कमांडो की सैलरी लगभग 84, 236 से 2,39,654 हो सकती है। इन कमांडो को 10 से 15 हजार तक bonus भी मिलता है। इसके अलावा, सरकार एक एनएसजी कमांडो को profit sharing और commission pay अलग से देती है, यह pay अलग-अलग कमांडो का भिन्न होता है जो 2 रूपये से लेकर 1.25 लाख तक हो सकता हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस आर्टिकल में हमने आपको NSG Commando (National Security Guard) के बारें में बताया। जैसे NSG Commando क्या है और कैसे बने? एनएसजी कमांडो बनने के लिए योग्यता और इसकी ट्रेंनिंग और सैलरी आदि। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको एनएसजी कमांडो के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।
इसके अलावा, अगर अभी भी आपको नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (NSG) के बारे में कोई और जानकारी चाहिए या आपका इससे संबंधित कोई सवाल हैं तो हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।
How many test are held in training of nsg how many tasks are there
1.Sir. Art’s ke student nsg commando ban sakte hai Kya .
2.12th class me kitana parsent chahiye hota hai .
NSG COMMANDO ke liye qualifications kitna chahiye
Bahut hi Badhiya Post. Aise hi Logo ko Info dete rahiye.
Sir bio se padhane wale student kya isme join kar sakte hai
Kis tarh ki padai anivarya hai
Sir kya NSG KI trening pr hi selari milna stat ho jati h