- दुनिया की सबसे खतरनाक स्पेशल फ़ोर्स में से एक पैरा स्पेशल फोर्स (Para Commando) भारत के स्पेशल फोर्सेज़ में से एक हैं जिसका गठन 1 जुलाई 1966 में हुई थी।
- पैरा कमांडोज़ बंधक बचाव (होस्टेज रेस्क्यू), आतंकवाद निरोध (काउंटर टेररिज्म), व्यक्तिगत बचाव (पर्सनल रिकवरी) में विशेष रूप से पारंगत किए जाते हैं।
- इनमें से लगभग सभी को इंडियन आर्मी के पैराशूट रेजिमेंट से भर्ती किया जाता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे पैरा कमांडो क्या है (What is Para Commando in Hindi) पैरा कमांडो कैसे बने पूरी जानकारी (How to become a para commando in Hindi), पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कैसे होती है (para commando training), पैरा कमांडो की सैलरी कितनी होती है (para commando salary), जैसी महतवपूर्ण जानकारियों को जानेंगे
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पैरा कमांडो फोर्स क्या है
- पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स की यूनिट होती है।
- पैरा कमांडो स्पेशल ऑपरेशन, डायरेक्ट एक्शन, बंधक समस्या, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैरपरंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने, दुश्मन को तलाशने और तबाह करने जैसे सबसे मुश्किल काम करते हैं।
- ये स्पेशल फोर्स देश ही नहीं, विदेशों में भी कई बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है।
- सिर्फ डीजीएमओ से निर्देश : पैरा कमांडो अपने अभियान के दौरान सैन्य मुख्यालय (डीजीएमओ) से ही निर्देश प्राप्त करते हैं।
- इन्हें विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से भी ट्रेनिंग दी जाती है।
- घाटी और पहाड़ों में अलग – अलग ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि रेगिस्तानी इलाकों में मिशन को अंजाम देने के लिए अलग प्रशिक्षण दिया जाता है।
पैरा कमांडो कैसे बनें (Para Commando Kaise Bane)
पैरा कमांडो का चयन दो प्रकार से होता है-
डायरेक्ट रिक्रूटमेंट
इंडियन आर्मी द्वारा
डायरेक्ट रिक्रूटमेंट: डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के अंतर्गत जवानों को सिविल से आर्मी रैली द्वारा भर्ती किया जाता है|
- आर्मी रैली पैरा (पैराशूट) कमांडो ट्रेनिंग सेन्टर बंगलोर में कराई जाती है, तथा वहां पर चयनित कैंडिडेट को पैरा कमांडो की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है।
- बंगलोर के अलावा अन्य स्थानों पर उत्कर्ष प्रदर्शन तथा शारीरिक मापदंड वाले जवानों को भी पैरा ट्रेनिंग सेन्टर में पैरा कमांडो की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है।
इंडियन आर्मी द्वारा : यदि भारतीय सेना में सर्विस कर रहे जवान पैरा रेजिमेंट में शामिल होना चाहता है, तो वह वालंटियर होकर आवेदन कर सकते है।
- इसमें आवेदन करने के लिए जवान को अपने कमांडिंग अफसर की रिकमेन्डेशन लेटर लेनी होती है।किसी भी यूनिट का कमांडिंग अफसर उसी जवान को पैरा कंमांडो के लिए रिकमेंड करता है, जो फिजिकली तथा मेंटली रूप से स्वस्थ हो।
- पैरा कमांडो बनने के लिए आपको सबसे पहले पैराट्रूपर होना होता है और पैरा कमांडो के लिए पैराट्रूपर होना बहुत जरूरी है।
- para commando के लिए सबसे पहली परीक्षा होती है कि आपको पैराट्रूपर का टेस्ट क्लियर करना होता है।
- पैराट्रूपर बनने के बाद ही पैरा कंमांडो स्पेशल फ़ोर्स एडवांस ट्रेनिंग के लिए आवेदन कर सकते है।
10% से कम ही जवान और युवा पैरा कमांडो बन पाते हैं जो कि इस परीक्षा को पास करते हैं इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी ट्रेनिंग कितनी कठिन होती है।
पैरा कमांडो की ट्रेनिंग (Training Of Para Commando)
पैरा कमांडो की ट्रेनिंग विश्व की सबसे खतरनाक ट्रेनिंग में से एक है। ट्रेनिंग कर रहे सिपाही और युवाओं में सिर्फ 10% सैनिक और युवा पैरा कमांडो बन पाते हैं।
- सैना की विभिन्न यूनिटों से इन जवानों का चयन किया जाता है।
- तीन महीने की कठिन परीक्षा के बाद इनका चयन किया जाता है। इस दौरान थकावट, मानसिक और शारीरिक यातना आदि सभी दौर से इन्हें गुजारा जाता है।
- शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से पैरा कमांडो के दिन की शुरुआत होती है।
- एक पैरा कमांडो की ट्रेनिंग काम के साथ-साथ साढ़े तीन साल तक चलती रहती है। उसके बाद भी वक्त के हिसाब से कमांडो को अपडेट किया जाता रहता है।
- एक पैरा कमांडो को साढ़े 33 हजार फुट की ऊंचाई से पैराशूट के साथ कम से कम 50 छलांग लगानी जरूरी होती हैं। एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्कूल आगरा में इनका ट्रेनिंग सेंटर है।
- पानी में लडऩे के लिए नौ सेना डाइविंग स्कूल कोच्चि में ट्रेनिंग दी जाती है।
- ट्रेनिंग के दौरान ही करीब 90 प्रतिशत जवान ट्रेनिंग छोड़ जाते हैं।
- कई बार ट्रेनिंग के दौरान ही जवानों की मौत भी हो जाती है।
- पैरा कमांडो का सबसे अहम् हथियार उसका पैराशूट होता है। पैराशूट को आसमान में सही समय पर खोलने की ट्रेनिंग सबसे अहम् होती है।
- एक पैरा कमांडो के पास दो पैराशूट होते हैं। पहला पैराशूट जिसका वजन 15 किलोग्राम होता है, जबकि दूसरा रिजर्व पैराशूट जिसका वजन 5 किलोग्राम होता है। पैराशूट की कीमत 1 लाख से लेकर 2 लाख तक होती है।
- इन्हें हर एक तरह के हथियार को चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- इन्हें कठिन से कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में लड़ने की और लोगों की मदद करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- इसमें आप को अंधेरे में हथियार चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाती है।
- पैरा कमांडो को इस प्रकार की कई तरह की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होता है।
हर हालात से निपटने में महारत (Master In Dealing With Every Situation)
- पैरा कमांडो को किसी भी तरह के हालात से निपटने में महारत हासिल होती है।
- एक और अहम् ट्रेनिंग है, दुश्मन पर नजदीक से घात लगाकर हमला करना। यह सबसे अधिक खतरनाक ट्रेनिंग है।
- घने जंगल के बीच में दुश्मन पर घात लगाकर हमला किया जाता है। इसके लिए नजदीक से दुश्मन पर गोली मारने की ट्रेनिंग काफी अहम् होती है।
- पैराशूट और हथियार का वजन मिलाकर एक कमांडो अपने साथ 40 से 50 किलोग्राम वजन ले जाता है।
- जब पैरा कमांडो को किसी स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देने जाते है, तो उसके लिए काफी तैयारी की जाती है।
- para commando training में आपको शारीरिक मानसिक थकावट और बहुत सारी मुश्किलों से गुजरना होता है जो सैनिक और युवा इन सारी मुश्किलों को पार करके अपने ट्रेनिंग पूरी कर लेता है उन्हें ही बलिदान पद का बिल्ला (badge) मिलता है और तब जाकर वह पैरा कमांडो बनते हैं।
पैरा कमांडो (para commando) के हथियार
- ग्लोक-17, बैरोटा-92 और 1ए 9 एमएम सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल, हैकलर और कोच एमपी5, 1ए एसएमजी सब मशीनगन
- माइक्रो यूजी 9एमएम सब मशीनगन,टीएआर-21 टवोर असॉल्ट रायफल,एम4ए1 -कारबाइन,एमपीआई केएमएस-72-असॉल्ट रायफल,पीएमएमडी-90 असॉल्ट रायफल,वीएजेड-58 असॉल्ट रायफल,एसवीडी ड्रगोनोव सेमी ऑटोमैटिक स्निपर रायफल,आईएमआई गलिल स्निपर ऑटोमैटिक स्निपर रायफल,मऊसेर एसपी 66 बोल्ट एक्शन स्निपर रायफल,पीकेएम लाइट मशीनगन,यूके वीजेड-59एल लाइट मशीनगन,एमजी 2ए1 जनरल पर्पज मशीनगन,एजीएस ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर,बी-300 शीपोन 82 एमएम रॉकेट लांचर
- एक ऑपरेशन के दौरान पैरा कमांडो ध्रुव और चेतक हेलीकॉप्टर, सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान और सभी तरह के मैदानी वाहन इस्तेमाल करते हैं।
पैरा कमांडो (para commando) के बड़े ऑपरेशन
- पैरा कमांडो ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, भारतीय पैरा कमांडो की ताकत के आगे पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।
- जुलाई 1999 में कश्मीर में कारगिल की पहाडिय़ों पर पाकिस्तान की फौज ने कब्जा कर लिया। इस लड़ाई में पाक फौज और आतंकवादियों के खिलाफ पैरा कमांडो का इस्तेमाल हुआ जिसके चलते एक बार फिर पाक को भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी।
- पैरा कमांडो ने जनवरी 2015 में म्यांमार में घुसकर आतंकवादियों को मारा था।
- मणिपुर में उग्रवादियों के एक हमले में देश के 18 जवान शहीद हुए थे। पैरा कमांडो बदला लेने के लिए यह काम सौंपा गया। इन कमांडो ने म्यांमार सीमा में घुसकर 38 उग्रवादियों को ढेर कर दिया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर था जब भारतीय सैनिक किसी दूसरे देश की सीमा में घुसकर आतंकियों का सफाया करने में सफल रहे थे।
- 2016 में आतंकवादियों ने उरी में हमारे कुछ जवानों को धोखे से मार दिया था हमारे सिपाही की शहादत का बदला लेने के लिए पैरा कमांडो ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और उन्होंने वहां जाकर आतंकवादियों को मार गिराया और आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया था।
पैरा कंमांडो की सैलरी (Salary)
पैरा कमांडो के सैनिक को सालाना लगभग 10 लाख तक की सैलरी मिलती है तथा इसके अलावा और अन्य सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं।
यहाँ पर हमनें पैरा कमांडो बननें और उनकी ट्रेनिंग के बारें में बताया। यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है।
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