- Raksha Bandhan 2022 : रक्षा बंधन, एक प्रसिद्ध भारतीय त्योहार में से एक है जिसका सभी बहनों और भाइयों द्वारा उत्सुकता से इंतजार किया जाता है। रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है।
- बहनों का सबसे लोकप्रिय त्योहार रक्षा बंधन है। इस दिन का इंतजार बहने बड़ी बेसब्री से करती है क्योंकि रक्षा बंधन भाई बहन के प्यार को और भी ज्यादा गहरा कर देता है ।
- प्राचीन काल से यह त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। एक दूसरे के प्रति प्यार समर्पित करने का त्यौहार है रक्षाबंधन जहां इस दिन बहनें अपने भाई की सुरक्षा, सफलता और संपन्नता की कामना करती हैं। वहीँ भाई अपने बहनों की जीवन भर की रक्षा के लिए व्रत लेता है। रक्षा बंधन का त्योहार भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इन दिन बहनें अपने भाइयों के हाथों में राखी बांधती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है इसलिए इसे राखी ( Rakhi ) पूर्णिमा के नाम से भी पुकारा जाता है । कुछ हिस्सो में इस पर्व को राखरी के नाम से भी जाना जाता है । यह हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहार में से एक है । इस साल 11 अगस्त, गुरुवार के दिन रक्षा बंधन मनाया जाएगा।
- आइए जानते हैं इस साल 2022 में कब है रक्षा बंधन का त्योहार, कब रहेगी पूर्णिमा तिथि, शुभ मुहूर्त और कब से कब रहेगा इस दिन भद्रा काल लेकिन इससे पहले जानिए कि रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है । इससे जुड़ी कुछ कथाओं का वर्णन सुनकर आपको रक्षा बंधन मनाने के पीछे का कारण पता चल जाएगा ।
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रक्षा बंधन इतिहास
Raksha Bandhan 2022 : राखी के त्यौहार से जुड़ी कई किवदंतियां और कहानियां हैं जो हिंदू धर्म में इसके महत्व को जोड़ती हैं। इनमें से कुछ कहानियां निम्नप्रकार हैं:
- महाभारत के अनुसार ,ऐसा माना जाता है एक बार भगवान कृष्ण के हाथ पर चोट लग गई थी । जिसके बाद माता द्रौपदी ने अपने पहने हुए वस्त्र से एक टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांधा था । उस दौरान भगवान कृषा ने द्रौपदी को उनकी जीवन भर रक्षा करने का वचन दिया , तब से ही पवित्र बंधन राखी बंधन के रूप में भी मनाया जाने लगा । एक और ऐतिहासिक कथा के अनुसार , चितौड़ की रानी कर्णावती ने राजा हुमांपू को राखी भेजी और अपनी रक्षा का वचन मांगा । राजा हुमायूं ने कर्णावती का सम्मान रखते हुए गुजरात के राजा से महारानी कर्णावती की रक्षा की और उसी समय से रक्षाबन्धन की परंपरा शुरू हो गई।
- भगवान यम और देवी यमुना : मृत्यु के देवता यम, 12 साल बाद अपनी बहन देवी यमुना के यहाँ आये । वह उत्साहित थी और उन्होंने अपने भाई के लिए उनके सभी पसंदीदा व्यंजनों के साथ एक भव्य दावत तैयार की । जब वह उनसे मिलने आये, तो देवी यमुना ने उनका तिलक के साथ स्वागत किया और उनके हाथ पर धागा बांध दिया। यम इससे काफी प्रभावित हुए और यमुना से उसके पसंदीदा उपहार के बारे में पूछा । जिस पर, उन्होंने उन्हें नियमित रूप से उससे मिलने इस दिन के लिए कहा। यम ने फिर उसे अमरत्व का आशीर्वाद दिया और किसी भी कठिनाई से उसे बचाने का वादा किया।
- देवी लक्ष्मी और राजा बाली : राजा बाली भगवान विष्णु के उत्साही भक्त थे। एक दिन उन्होंने विष्णु से सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। भगवान विष्णु, उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए, उन्होंने उनके चौकीदार के रूप में छिपकर उनकी इच्छा पूरी की। देवी लक्ष्मी वैकुण्ठ में भगवान विष्णु को खो चुकी थीं । इसलिए, उसने खुद को एक बेघर महिला के रूप में प्रस्तुत किया और बाली के राज्य में आश्रय मांगा। भगवान बाली, दयालु शासकों में से एक होने के नाते, उनका स्वागत किया और उन्हें आश्रय दिया और बदले में, उनके राज्य ने अपार सफलता प्राप्त की। श्रावण पूर्णिमा पर, देवी लक्ष्मी ने भगवान बाली की सुरक्षा के लिए उनकी कलाई पर एक पवित्र धागा बांध दिया। तब भगवान बाली ने उससे पूछा कि वह किस उपहार को चाहती है जिस पर उसने चौकीदार की ओर इशारा किया। फिर, भगवान विष्णु ने अपनी पहचान प्रकट की। बाली ने भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी से अपने निवास स्थान पर वापस जाने का अनुरोध किया। लेकिन, बाली की भक्ति को जानकर, भगवान विष्णु ने बाली के राज्य में 4 महीने बिताने का वादा किया।
रक्षा बंधन का महत्व(Raksha Bandhan 2022)
इस बार रक्षा बंधन पर शोभन योग बन रहा है। यह त्योहार बहन-भाई के बीच प्यार, त्याग, सम्मान, रक्षा आदि का प्रतीक है। रक्षा बंधन का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व है, यह दो शब्दों से मिलकर बना एक शब्द है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और उनके लिए मंगल कामनाएं करती हैं वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा का दायित्व उठाते हैं।
2022 में रक्षा बंधन कब है? (Raksha Bandhan 2022)
साल 2022 में रक्षा बंधन का पर्व 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2022)
रक्षा बंधन की समयावधि: सुबह 08 :51 बजे से शाम 09 :17 बजे तक
रक्षा बंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी लगेगा। वहीं, भद्रा काल को छोड़ कर राखी बांधने के लिए पूरा 12 घंटे का समय रहेगा। भाई-बहन के पवित्र प्रेम को गहरा बनाने के लिए रक्षा बंधन के दिन इन शुभ मुहूर्तों राखी बांधने से भाई बहन का रिश्ता कभी नहीं टूटता है और प्यार बना रहता है।
रक्षा बंधन तिथि: – 11 अगस्त 2022, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: – 11 अगस्त 2022, 10:37
पूर्णिमा तिथि समापन: – 12 अगस्त 2022, 07:04
इस तिथि पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष महत्व है। रक्षा बंधन पर राखी भद्राकाल और राहुकाल में नहीं बांधी जाती है क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित माना जाता हैं। कहा जाता है कि भद्राकाल के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से वह विफल हो जाता है इसलिए राखी भी भद्राकाल या राहु काल में नहीं बांधी जाती। ना ही इस अवधि में कोई शुभ कार्य किया जाता है।
ऐसे सजाएं रक्षा बंधन की थाली (Raksha Bandhan 2022)
Raksha Bandhan 2022 : राखी की थाली सजाते समय रेशमी वस्त्र में रोली, कुमकुम, अक्षत, राखी, भाई की पसंदीदा मिठाई तथा इसके साथ कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति को भी थाली में रखें।
ऐसे बांधे राखी (Raksha Bandhan 2022)
Raksha Bandhan 2022 : राखी (रक्षा सूत्र) को भगवान शिव की प्रतिमा, तस्वीर या शिवलिंग पर अर्पित करें फिर, महामृत्युंजय मंत्र का एक माला (108 बार) जप करें। इसके बाद देवाधिदेव शिव को अर्पित किया हुआ रक्षा-सूत्र भाईयों की कलाई पर दाहिने हाथ में बांधें।भाई को तिलक लगाकर उनका आरती उतारें। भाई को मिठाई खिलाएं। महाकाल भगवान शिव की कृपा, महामृत्युंजय मंत्र और श्रावण सोमवार के प्रभाव से सब शुभ होगा।
राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए।
राखी बांधते वक्त पढ़ें ये मंत्र (Raksha Bandhan 2022)
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल: |
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ||
मंत्र का अर्थ है: जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।
बहनों के लिए बड़ा ही खास है रक्षा बंधन
Raksha Bandhan 2022 : रक्षा बंधन के दिन हर बहन अपने भाई की दीर्घायु के लिए भगवान से प्रार्थना करती है और भगवान को प्रसन्न करके भाई के जीवन में खुशियां मांगती है । इस दिन बहने मंदिर जाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करके भगवान से विनती करती है कि हे भगवान हमारे भाई की रक्षा करना । आपको बता दे कि रक्षा बंधन के दिन जैसे एक बहन अपने भाई को राखी बांधती है । उसी तरह भाई भी बहन की रक्षा का वचन देते हुए , सुंदर सुंदर उपहार देते है।
रक्षा बंधन के दिन बहन को ना दें ये गिफ्ट
Raksha Bandhan 2021 : रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई को प्यार की राखी बांधती है फिर भाई राखी बंधवाने के बाद अपनी बहन को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें आपको अपनी बहन को बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। इन चीजों में सबसे पहली चीज है धारदार वस्तुएं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपको अपनी बहन को धारदार वस्तुएं जैसे चाकू या कैंची आदि का सेट बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। इससे आप दोनों का रिश्ता खराब हो सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। स्टोर ऑफ ज्ञान इनकी पुष्टि नहीं करता है।