तेजस(Tejas aircraft) भारत द्वारा विकसित किया जा रहा एक हल्का व कई तरह की भूमिकाओं वाला जेट लड़ाकू विमान है। यह हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित एक सीट और एक जेट इंजन वाला, अनेक भूमिकाओं को निभाने में सक्षम एक हल्का युद्धक विमान है।आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे इस स्वदेसी विमान की खासियत के बारे में की इस विमान की सबसे बड़ी खासियत क्या हैं। इसे क्यों भारत का खतरनाक लड़ाकू विमान माना जा रहा हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
उत्पत्ति का देश | भारत |
प्रकार | बहुपयोगी लड़ाकू विमान |
उत्पादक | हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL, हाल) |
प्रथम उड़ान | 4 जनवरी 2001 |
चालकदल | 1 |
लंबाई | 13.20 मी (43 फ़ीट 4 इंच) |
पंख फैलाव | 8.20 m (26 ft 11 inch) |
ऊंचाई | 4.40 m (14 ft 9 inch) |
पंख क्षेत्र | 38.4 m² (413 ft²) |
खाली वजन | 5680 किलो |
उपयोगी भार | 9500 किलो |
अधिकतम उड़ान वजन | 13,500 किलो |
आंतरिक ईधन क्षमता | 3000 लीटर |
बाहरी ईधन क्षमता | 5×800 लीटर टैंक या 3×1,200 लीटर टैंक, कुल 4000/3600 लीटर |
अधिकतम गति | मैक 1.8 (2,376+ km/h उंचाई पर) 15,000 मी० पर |
रेंज | 3000 km (1,840 एमाई (बिना ईधन भरे)) |
अधिकतम सेवा सीमा | 16500 m (54000 फ़ीट (engine re-igniter safely capable)) |
विंग लोडिंग | 221.4 kg/m² (45.35 lb/ft²) |
गन्स | 1× mounted 23 mm twin-barrel GSh-23 cannon with 220 rounds of ammunition |
हार्ड प्वाइंट | 8 कुल: 1× beneath the port-side intake trunk, 6× under-wing, and 1× under-fuselage >4000 किलो बाहरी आयुध ईधन की क्षमता के साथ |
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइले | पाइथन 5 डर्बी अस्त्र BVRAAM व्यीम्पेल आर-77 (NATO reporting name: AA-12 Adder) व्यीम्पेल आर-73 (NATO reporting name: AA-11 Archer) |
हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें | केएच-59ME TV guided standoff Missile केएच-59MK Laser guided standoff Missile नौकारोधी प्रक्षेपास्त्र केएच-35 केएच-31 |
बम | कैब-1500एल लेज़र गाइडेड बम फैब-500टी डंब बम ओफैब-250-270 डंब बम ओफैब-100-120 डंब बम आरबीके-500 क्लस्टर बम |
रडार | इएल/एम-2952 एइएसए |
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बनाए गए इस विमान का आधिकारिक नाम तेजस 4 मई 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था | यह संस्कृत का शब्द है | जिसका अर्थ होता है, अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा | HAL ने इस विमान को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानी हल्का युद्धक विमान प्रोजेक्ट के तहत बनाया है | यह विमान पुराने पड़ रहे मिग-21 का स्थान लेगा।
- 01जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना की पहली तेजस यूनिट का निर्माण किया गया, जिसका नाम ‘नम्बर 45 स्क्वाड्रन आई ए एफ फ्लाइंग ड्रैगर्स’ है।
- एलसीए कार्यक्रम 1983 में दो प्राथमिक उद्देश्यों के लिए शुरू किया गया था। प्रमुख और सबसे स्पष्ट लक्ष्य भारत के पुराने पड़ते जा रहे मिग-21(‘फ्लाइंग कॉफिन’)की जगह लेने वाले विमान का विकास करना था।
- तथा दूसरा उद्देश्य भारत के घरेलू एयरोस्पेस उद्योग की चौतरफा उन्नति के वाहक के रूप में कार्य करना एवं आधुनिक उड्डयन प्रौद्योगिकियों के विस्तृत दायरे में भारत के स्वदेशी एयरोस्पेस क्षमताओं को और विस्तारित करना और समुन्नत करना है।
- तेजस को अक्सर हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का उत्पाद कहा जाता रहा है, पर तेजस के विकास की जिम्मेदारी वास्तव में एडा(Aeronautical Development Agency) की है, जो 100 से अधिक रक्षा प्रयोगशालाओं, औद्योगिक संगठनों और अकादमिक संस्थानों का एक राष्ट्रीय संघ है और HAL जिसका मुख्य ठेकेदार है। NDA औपचारिक रूप से भारतीय रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के तत्वावधान में आता है।
- तेजस विमान(Tejas aircraft) की खासियत इसकी रफ्तार और हल्का वजन है, सबसे बड़ी बात ये कि देश में तैयार किए गए तेजस की गिनती दुनिया के चंद सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में हो रही है।
सुपरसोनिक लड़ाकू विमान तेजस की खासियत-Tejas aircraft full details in Hindi
- लड़ाकू विमान के बारे में अक्सर एक बात कही जाती है, कि दुनिया में जिस देश के पास सबसे ताकतवर वायुसेना होती है, उसे ही सबसे शक्तिशाली माना जाता है और किसी भी वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत होते हैं उसके लड़ाकू विमान।
- वायुसेना के सबसे ताकतवर एयर क्राफ्ट में से एक तेजस पलक झपकते ही आसमान की बुलंदियों में पहुंच जाता हैं।
- वायुसेना की जिस 18वीं Squadron में तेजस को शामिल किया गया है, उसकी स्थापना वर्ष 1965 में की गई थी जिसका आदर्श वाक्य था तीव्र और निर्भय | पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग में इस Squadron की अहम भूमिका रही थी | ये Squadron 15 अप्रैल 2016 से पहले तक मिग-27 विमान उड़ा रही थी |
- तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है |
- तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है |
- यह अब तक करीब 3500 से ज्यादा बार उड़ान भर चुका है |
- तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है |
- LCA तेजस (Tejas aircraft)को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है |
- 2376 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम |
- 3000 किमी की दूरी तक एक बार में भर सकता है उड़ान |
- 43.4 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊंचा है तेजस फाइटर |
- 13,500 किलो वजन होता है सभी हथियारों के साथ |
- ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
- तेजस में इंजन अमेरिकी, रडार-मिसाइलें इजरायल और सीट ब्रिटेन की है।
- कम ऊंचाई पर उड़कर दुश्मन पर नजदीक से निशाना साध सकता है।
- ये महज 460 मीटर के रनवे पर दौड़कर टेकऑफ करने में कैपेबल है।
- fly-by-wire टेक्नीक के चलते इसे उड़ाना आसान है।
- तेजस फाइटर जेट(Tejas aircraft) दुनिया की सबसे खतरनाक क्रूज मिसाइलों में शामिल ब्रह्मोस से लैस होगा।
- पायलट को रियल टाइम इन्फॉर्मेशन के लिए ग्लास कॉकपिट लगाया गया है।
- तेजस की पहली Squadron का नाम Flying Daggers रखा गया है, जिसका अर्थ होता है उड़ने वाला खंजर | इन Squadrons को ये नाम, तेजस की ताकत और खूबियों को ध्यान में रखकर ही दिया गया है | जिसे दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान होने का गौरव हासिल है |
- तेजस एक बार में दो ब्रह्मोस एनजी मिसाइलें ले जा सकेगा। ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है।
- तेजस विमान(Tejas aircraft) अत्याधुनिक आइसा रेडार से लैस होगा। ये रेडॉर इजरायल ने बनाए हैं और पूरी तरह से जाम प्रूफ हैं।
- तेजस मार्क-1A जेट के अंदर हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा होगी। इससे यह फाइटर जेट लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हो जाएगा।
- तेजस जेट में अमेरिका की जीई कंपनी का बनाया हुआ F404 टर्बोफैन इंजन लगा हुआ है।
- अगर लड़ाकू विमान तेजस की बात करें तो ये एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है।
- 1991 में तेजस(Tejas aircraft) से देश के सबसे मशहूर एयरोस्पेस इंजीनियर का नाम जुड़ा – एपीजे अब्दुल कलाम | कलाम डीआरडीओ के अध्यक्ष और ए.डी.ए के डायरेक्टर जनरल बने | उनके रहते प्रोग्राम के लिए पहली बार इतना पैसा मिले कि कोई ठोस काम हो पाए |
- देसी फाइटर जेट के लिए घरेलू जेट इंजन कावेरी को बनाने की कोशिश हुई | इसमें विफलता मिली तो अमेरिका से GE 404 इंजन खरीदना पड़ा. यही हाल रडार का भी था |
- करीब नौ टन के वजन वाला तेजस(Tejas aircraft) एक सुपर सोनिक फाइटर जेट है जो 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
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